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वो जो एक घर हुआ करता था ।

वो जो एक घर हुआ करता था । कहने को विदेश में था लेकिन विशेष था  जब ख़रीदा था बड़ा महँगा लगता था जब उसमें रहने लगे तो बस अपना लगता था। घुसते ही ऐसे बाहों में भरता था जैसे माँ ने गले से लगा लिया हो।  उसके चारों कोनों में, अलग अलग कुछ यादे…

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