में कोई कवि नहीं और शायर तो बिलकुल भी नहीं हूँ। जबसे सोचना शुरू किया तबसे मन में सवाल बहुत उबलते थे लेकिन उनके जवाब नहीं मिल पाते थे।
बस जीवन में जब से जवाब मिलने शुरू हुए तब से उनको लिखना शुरू कर दिया। समय, स्थान और सीमा का ध्यान नहीं रखा।
वही पेश कर रहा हूँ इस किताब में।
Read more आभास “हर वो एहसास जो अब भी ज़िंदा है”
My personal letter to my son on his High school graduation.
Read more My 18-Year-old Man is Graduating from High School!
A poem after returning back from my motherland india in corona times.
Read more Today, I am back from my home country!
Original in Hindi बीस बरस पुरानी इस तस्वीर से कई किरदार ज़हन में यकायक उबर कर सामने आ खड़े हुए। एक नाम था छोटू या अंग्रेज़ी में कहे तो canteen boy। छोटू वो शख़्स था जिसकी भोली शक्ल, पसरी हुई हंसी और कमाल की फुर्ती हमें उसका सबसे बड़ा फ़ैन बनाती थी। कोई कहता छोटू…
Read more A poem on a peon! छोटू के नाम!